(ख) यथास्थिति, केन्द्रीय सहायक लोक सूचना अधिकारी या राज्य सहायक लोक सूचना अधिकारी को, उसके द्वारा मांगी गई सूचना की विशिष्टियां विनिर्दिष्ट करते हुए अनुरोध करेगा :
Right To Information Application and Appeal Format Download Service Provider
16 December, 2023
सूचना अधिकारी से आरटीआई आवेदन लिखने के लिए मौखिक सहायता लेने का अधिकार है आपके पास पढ़िए नियम...
23 November, 2023
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 4(1)(बी) के तहत स्व प्रकटीकरण सूचना से तात्पर्य ऐसी सूचना से जो शासकीय कार्यलय को प्राधिकृत किए गए कार्यों के निर्वहन के लिए शासन द्वारा निर्धारित मानदंड: नियम, विनियम, निर्देश, मैनुअल और रिकॉर्ड, जो शासकीय कार्यालयों द्वारा या इसके नियंत्रण में या इसके कर्मचारियों द्वारा अपने कार्यों के निर्वहन के लिए उपयोग किए जाते हैं। इनको जनता तक पहुंचने का कर्तव्य है... लेकिन यह जानकारी सूचना अधिकारी न दे तो... आरटीआई आवेदन दीजिए…
जन सूचना अधिकारी पदेन कर्तव्य है की वह जन सामान्य को वांछित जानकारी ऑनलाइन विभागीय वेबसाईट के माध्यम से उपलब्ध करवाए लेकिन ऐसा नहीं होता है इसलिए जो जन सूचना अधिकारी अपना पदेन कर्तव्य पूरा नहीं कर रहा है ऐसे…
जन सूचना अधिकारी को यह आरटीआई आवेदन देकर सबका सिखाईये! उसको उसका पदेन कर्तव्य याद दिलवाईये!
अग्रलिखित है धारा 4 का download link click it आरटीआई आवेदन कॉपी करिए 👇👇👇
26 September, 2023
किसी भी कार्यस्थल पर अभद्र और अशोभनीय व्यवहार करने वालों को नियंत्रित करने का कार्य करती है... आंतरिक शिकायत समिति लेकिन इस समिति का गठन आपका एक आरटीआई आवेदन करवा सकता है क्योंकि जब आपका आवेदन प्रस्तुत होगा तो नियोक्ता को उसकी जिम्मेदारी पूरी करनी पड़ेगी पढ़िए कैसे ?
11 March, 2023
प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन जन सामान्य को सुचना के अधिकार के विभिन्न दावपेंच से अवगत करवाएगा जानिये.... सूचना के अधिकार के प्रोफेशनल पहलू को... निचे दिया गया पूरा विवरण
सूचना से परिचय
पारदर्शिता पूर्ण शासकीय कार्यवाही की परिकल्पना को सूचना ही वास्तविक धरातल प्रदान करती है इसलिए जन सामान्य का, “सूचना” से परिचित होना आवश्यक अतः एक दिवसीय कार्यशाला का पहला सत्र “सूचना” से परिचय विषय पर होगा जिसमें “सूचना” शब्द का विधिक विश्लेषण और इस शब्द का शासकीय कार्यालयीन कार्यवाही में विधि निर्देशित महत्व क्या है जैसे विभिन्न पहलुओं को जानेंगे उल्लेखनीय है कि, पहला सत्र प्रतिभागियों को “सूचना” से अवगत होने का अवसर उपलब्ध करवायेगा ।
अधिकार का अर्थ
लोक तांत्रिक व्यवस्था में “अधिकार” का अर्थ बेहद व्यापक है और सूचना का अधिकार विषय में तो यह “अधिकार” शब्द कई विधिक दृष्टिकोण से विचारण किए जाने वाला मुद्दा है उल्लेखनीय है की सूचना का अधिकार अधिनियम में “अधिकार” शब्द कई नागरिक शक्तियों पर भी प्रकाश डालता है इसलिए प्रतिभागियों को नागरिक अधिकारों से अवगत होने का अवसर कार्यशाला के दूसरे सत्र में मिलेगा ।
आवेदन का प्रारूप
सूचना मांगने के लिए जो आवेदन प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत किया जाना है उस आवेदन में जिन विषयों को उल्लेख करना आवेदक की जिम्मेदारी होती है इस विधि निर्देश को जानना और समझना आवेदक के लिए जरूरी है क्योंकि सूचना का अधिकार आवेदन में विधि अपेक्षित किसी भी एक विषय का आभाव होगा तो आवेदन निरस्त हो जाता है इसलिए कार्यकाल के तृतीय सत्र में आवेदन के प्रारूप के विधि निर्देशित विषयों पर चर्चा होगी और विषय विशेषज्ञ अनुभव साझा करेंगे।
कार्यशाला
का उद्देश्य
सूचना का अधिकार विषय पर आयोजित होने वाली एक दिवसीय कार्यशाला में उक्त उल्लेखित तीनों सत्रों में सूचना का अधिकार से परिचित होने का अवसर प्रतिभागियों को मिल सके इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है तथा इस तरह का आयोजन करके जन सामान्य पारदर्शिता पूर्ण शासकीय कार्यवाही स्थापित करने में अपना योगदान कैसे दे सकते है इस लोकतांत्रिक व्यवस्था की जानकारी भी जन सामान्य तक पहुंचने के लिए प्रत्येक शनिवार और रविवार को कार्यशाला आयोजित की जा रही है
आयोजक कौन ?
आप भी कार्यशाला के आयोजक बन सकते है परंतु इसके लिए आपको सूचना के अधिकार के विभिन्न व्यवहारिक और विधिक पहलुओं से परिचित होना अपेक्षित है जिसके लिए किसी एक कार्यशाला में प्रतिभागी बनकर उक्त उल्लेखित तीनों सत्र के विषयों पर अनुभव साझा करने की अपेक्षा rtiapplication.com द्वारा की गई है वर्तमान में दैनिक पूरब टाईम्स समाचार पत्र के प्रतिनिधि छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर, भिलाई और दुर्ग में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कर रहें है
प्रतिभागियों की पात्रता
समन्वयक की भूमिका
कार्यशाला में प्रतिभागी बनकर अनुभव हासिल करने वाले लोग कार्यशाला आयोजन समन्वयक की भूमिका निभा रहे है जो संभावित प्रतिभागियों को कार्यशाला आयोजन स्थल और आयोजन संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाने की पहल कर रहें है अतः कार्यशाला में प्रतिभागी बनाने के इच्छुक लोग नीचे दिए गए संपर्क मोबाइल क्रमांक पर व्हाट्सएप मैसेज में अपना नाम / अपने शहर का नाम / शैक्षणिक योग्यता / व्यवसाय की जानकारी भेजकर अपने निकटतम समन्वयक से संपर्क कर सकते हैं |
संपर्क : ईमेल :- rtiletter@gmail.com
व्हाट्सएप मो न :- 9403098633
09 March, 2023
कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित महसूस करवाने के लिए शासन ने महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 लागू किया और इसमें कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करवाने के लिए आवश्यक सभी प्रावधान किए हैं... जिसके तहत सभी कार्यालयों और कार्यस्थलों के नियोक्ताओं को महिला सुरक्षा की पदेन जिम्मेदारी सौंपी गई है और बाहरी सदस्य के रूप में जनता का एक प्रतिनिधि इस जिम्मेदारी का निर्णायक प्राधिकारी बनाकर कार्य करने के लिए प्राधिकृत किया गया है निचे लिखी है पूरी जानकारी
क्या आप एक आरटीआई आवेदन देकर बड़ा बदलाव लाने के इच्छुक है ? महिला सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करवाने के लिए आपका एक आरटीआई आवेदन काफी है अगर इस बात पर आपको विश्वास नहीं हो रहा है तो आप इस लेख के अंत में दिए गए लिंक पर जाकर आरटीआई आवेदन को कॉपी करके किसी भी स्कूल, कालेज, अस्पताल, शासकीय और अशासकीय कार्यालयों, उद्योगों के कार्यालयों में देकर जानकारी मांगकर देखिए आपको आपके आरटीआई आवेदन का वास्तविक विधि मान्य महत्व आपको समझ आ जायेगा उल्लेखनीय है की आपका आरटीआई आवेदन महिलाओं को सुरक्षित महसूस करवाने वाली परिस्थितियों उत्पन्न कर देगा । एक आवेदन देकर तो देखिए ।
पत्र क्रमांक
:-. दिनांक :-
प्रति,
श्रीमान जन सूचना अधिकारी
कार्यालय
विषय :- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी अभिप्राप्त करने बाबत
संदर्भ :- कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न ( निवारण, प्रतिषेध, और प्रतितोष ) अधिनियम 2013 की धारा 4 आंतरिक परिवाद समिति का गठन के विधि निर्देशानुसार आपके कार्यालय में गठित की गई समिति तथा इसके कामकाज प्रक्रिया के दस्तावेज
महोदय,
विषयांतर्गत निवेदन है कि, मैने सूचना अभिप्राप्त करने बाबत निर्धारित शुल्क 10 रु पोस्टल आर्डर / नगद से अदा कर मूल पावती इस आवेदन के साथ संलग्न कर दिया है अतः अग्रलीखित जानकारी दें ।
महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 (2013 का अधिनियम संख्यांक 14 ) की धारा 19 नियोक्ता के कर्तव्य के निर्देशों का अनुपालन कर धारा 4 के तहत आपके कार्यालय में आंतरिक परिवाद समिति का गठन किए जाने के लिए जारी किया गया आदेश व पदाधिकारियों / सदस्यों की सूची प्रदान करें और इस समिति के गठन कार्यवाही व तदुप्रांत की गतिविधियों को लेखबद्घ किए जाने बाबत आपके कार्यालय में लिखी गई समस्त नोटशीटो की छायाप्रति दें तथा इन नोटशीटों पर अभिलिखित कार्यवाहियों से संबंधित दस्तावेजों को संधारित किए जाने बाबत आपके कार्यालय में बनाई गई मूल नस्ती में संलग्न समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति प्रदान करें ।
आवेदक का नाम :
आवेदक का मो नं :
आवेदक का
पता :
क्या आप शासकीय और गैर शासकीय कार्यालय के कार्य व्यवहार में बदलाव लाने का योगदान देंगे ? वर्तमान स्थिति यह है कि, शासकीय और गैर शासकीय कार्यालय अपने कार्यस्थलों पर महिला सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करवाने के मामले पर गंभीर नहीं है इसलिए अधिकांश आंतरिक शिकायत समिति का गठन और उनका नियमानुसार कामकाज का संचालन नहीं हो रहा है जिसके लिए कार्यस्थल के नियोक्ता के साथ साथ हम जन सामान्य भी जिम्मेदार है क्योंकि हमने कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 की शक्तियों को जाना और पहचाना नहीं है तथा इसके विधि निर्देशों को कार्यान्वित करने में अपना योगदान नहीं दिया है इसलिए आइये एक आरटीआई आवेदन देकर अपना योगदान सुनिश्चित करवाते हैं और महिला सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करने की पहल करते हैं ।
आपकी अहम लोकतांत्रिक भूमिका और शक्तियां से भलीभांति परिचित हो जाइये महिला सुरक्षा व्यवस्था प्रत्येक कार्यस्थल पर स्थापित करने के लिए आवश्यक पठनीय सामग्री और विधिक दृष्टिकोण इस लिंक पर है जिसका अध्यन करके आप अपनी नागरिक शक्तियों से अवगत होकर महिला सुरक्षा के क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभाने के लिए आगे आ सकते है आप अपनी पहचान सजग और जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता होने की बना सकते है पढ़िए पूरी जानकारी और आरटीआई आवेदन देकर करिए नई शुरवात हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को आपकी पहल का इंतजार है क्लिक करिए और पूरी जानकारी लीजिए
क्या आपके जानकारी में या आपके आस-पास ऐसा कोई स्कूल, कालेज, अस्पताल, शासकीय और गैर-शासकीय कार्यालय है… जिसमे विधिवत शिकायत समिति गठित नहीं की गई है …. अगर ऐसा है तो आपको आपकी जन भागीदारी देनी पड़ेगी क्योंकि महिलाये असुरक्षित हैं…? नीचे लिखा है विवरण
क्या आप कामकाजी महिलाओं की व्यवहारिक सुरक्षा व्यवस्था बनाने के लिए आपका योगदान देना चाहते है तो... ? इन तिन विचारणीय पहलुओं से विचार करिए १) आरटीआई आवेदन देकर बड़ा बदलाव लाइए और पहल करिए २) शासकीय / गैर शासकीय कार्यालय के कार्य व्यवहार में बदलाव लाने के लिए आपका अहम योगदान दीजिये ३) आपकी लोकतांत्रिक भूमिका और शक्तियों का इस्तमाल करके आपका परिचय बढाइये क्योंकि कामकाजी महिलायें अपने कार्य क्षेत्र पर आंतरिक शिकायत समिति के आभाव है जिसका कारण निम्नानुसार है :-
शिकायत निवारण की व्यवस्था का आभाव कार्यस्थल के नियोक्ता द्वारा अपने संगठन में लैंगिक उत्पीड़न के निवारण की व्यवस्था नहीं करना यह दिखाता है कि उस शासकीय विभाग या संगठन में लैंगिक उत्पीड़न को रोकने और नियंत्रित करने के मुद्दे को विधि निर्देशानुसार मान्यता या महत्व नहीं दिया जा रहा है और यह आपत्तिजनक कार्य व्यवहार इस बात की ओर इशारा करती है कि लैंगिक हिंसा और भेदभाव के कार्य व्यवहार को करने की अप्रत्यक्ष रूप की सहमती नियोक्ता दे रहा है ऐसी परिस्थिति को ध्यान न देना, पदेन कर्त्तव्यों की उपेक्षा किए जाने के रूप में देखा जाना चाहिए उल्लेखनीय है कि, महिला सुरक्षा को उपेक्षित करने वाले को उसका पदेन कर्तव्य आप याद दिला सकते हैं । कैसे ? प्रश्न पूछकर ?
----------------------------------------------------
महिला सुरक्षा के प्रति गैर जिम्मेदाराना कार्य व्यवहार करने वाले नियोक्ता को कैसे प्रश्न पूछे ? इसके लिए नीचे आरटीआई आवेदन को कॉपी करके नियोक्ता कार्यालय में जमा करवाइए
पत्र क्रमांक
:-. दिनांक :-
प्रति,
श्रीमान जन सूचना अधिकारी
कार्यालय
विषय :- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी अभिप्राप्त करने बाबत
संदर्भ :- कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न ( निवारण, प्रतिषेध, और प्रतितोष ) अधिनियम 2013 की धारा 4 आंतरिक परिवाद समिति का गठन के विधि निर्देशानुसार आपके कार्यालय में गठित की गई समिति तथा इसके कामकाज प्रक्रिया के दस्तावेज
महोदय,
विषयांतर्गत निवेदन है कि, मैने सूचना अभिप्राप्त करने बाबत निर्धारित शुल्क 10 रु पोस्टल आर्डर / नगद से अदा कर मूल पावती इस आवेदन के साथ संलग्न कर दिया है अतः अग्रलीखित जानकारी दें ।
महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 (2013 का अधिनियम संख्यांक 14 ) की धारा 19 नियोक्ता के कर्तव्य के निर्देशों का अनुपालन कर धारा 4 के तहत आपके कार्यालय में आंतरिक परिवाद समिति का गठन किए जाने के लिए जारी किया गया आदेश व पदाधिकारियों / सदस्यों की सूची प्रदान करें और इस समिति के गठन कार्यवाही व तदुप्रांत की गतिविधियों को लेखबद्घ किए जाने बाबत आपके कार्यालय में लिखी गई समस्त नोटशीटो की छायाप्रति दें तथा इन नोटशीटों पर अभिलिखित कार्यवाहियों से संबंधित दस्तावेजों को संधारित किए जाने बाबत आपके कार्यालय में बनाई गई मूल नस्ती में संलग्न समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति प्रदान करें ।
आवेदक का नाम :
आवेदक का मो नं :
आवेदक का पता :
शिकायत समिति के अभाव के दुष्परिणाम यह बात अब उजागर होने लगी है कि औपचारिक तंत्र के अभाव की वजह से महिलाएं अकसर यौन उत्पीड़न की घटना के बारे में बात करने या... सामने लाने से कतराती हैं।
इसके कई कारण हैं :-
1 / घटना को लेकर शर्मिंदगी और अपमान कि भावना महिलाओं घर कर जाती है ।
2 / इस बात का डर कि घटना को गंभीरता से नहीं लिया जाएगा ऐसे विचार से महिला दब जाती है |
3 / असुरक्षा की भावना कामकाजी महिलाओं को भयभीत कर देती हैं ।
4 / महिलाओं चिंतित हो जाती है कि, उनकी शिकायत का विश्वास नहीं किया जाएगा, क्योंकि अक्सर घटना का कोई सबूत नहीं होता ।
5 / इस बात को लेकर हिचकिचाहट कि संस्थान कोई कार्यवाई नहीं करेगा, अपराधी को छोड़ दिया जाएगा। साथ ही यह डर भी कि उत्पीड़न करने वाला व्यक्ति अगर दोषी भी पाया गया तब भी पीड़ित व्यक्ति को ही नौकरी छोड़नी पड़ेगी या उल्टे उसी का तबादला कर दिया जायेगा।
6 / अफवाहों का शिकार होने का डर सबसे बड़ी मानसिक त्रासिदी बन जाती है ।
7 / उत्पीड़न को 'आमंत्रण' देने का आरोप लगने या फिर मुद्दे को उठाने के लिए दोष दिए जाने का डर सुरक्षा के आभाव में सताता है ।
8 / सामाजिक मान्यताओं का पालन करना जिनके तहत महिलाओं को चुप रहना और पुरूषों के 'बुरे बर्ताव' को सहन करना सिखाया जाता है।"
संक्षेप में कहें तो महिलाओं को डर होता है कि अगर उन्होंने यौन उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज उठाई तो उन्हें दो बार पीड़ित किया जाएगा पहले शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं करके और दूसरी बार जब शिकायत को पुलिस थाने के हवाले करके व्यथित महिला को मानसिक तनाव देकर पीड़ित किया जाता है।
----------------------------------------------------
नियोक्ता की जिम्मेदारी नियोजकों को यह समझना चाहिए कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न कर्मचारी के इज्जत से जीने और काम करने का अधिकार को छीन लेता है। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एक प्रणाली कायम की जाए जिससे यह स्पष्ट हो जाए कि यौन उत्पीड़न की स्थिति में किसको और कैसे सूचित किया जाए, किस तरह की कार्यवाही की जाएगी, और जाँच में कितना समय लगेगा।
----------------------------------------------------
नियोक्ता के विरूद्ध 50 हजार की दंडनीय कार्यवाही के प्रावधान महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 की धारा 26 में विधि निर्देशित है कि अधिनियम के उपबंधों के अनुपालन के लिए शास्ति (1) जहां कोई नियोजक,- (क) धारा 4 की उपधारा (1) के अधीन एक आंतरिक समिति का गठन करने में असफल रहेगा, (ख) धारा 13, धारा 14 और धारा 22 के अधीन कार्रवाई करने में असफल रहेगा, और (ग) इस अधिनियम के अन्य उपबंधों या उसके अधीन बनाए गए किन्हीं नियमों का उल्लंघन करेगा या उल्लंघन करने का प्रयास करेगा या उनके उल्लंघन को दुष्प्रेरित करेगा, वहां वह ऐसे जुर्माने से, जो पचास हजार रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा ।
(2) यदि कोई नियोजक इस अधिनियम के अधीन दंडनीय किसी अपराध में पूर्ववर्ती सिद्धदोष ठहराए जाने के पश्चात् उसी अपराध को करता है और सिद्धदोष ठहराया जाता है तो वह (i) उसी अपराध के लिए उपबंधित अधिकतम दंड के अधीन रहते हुए, पूर्ववर्ती सिद्धदोष ठहराए जाने पर अधिरोपित दंड से दुगुने दंड का दायी होगा: परंतु यदि तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन ऐसे अपराध के लिए, जिसके संबंध में अभियुक्त का अभियोजन किया जा रहा है, कोई उच्चतर दंड विहित है तो न्यायालय दंड देते समय उसका सम्यक् संज्ञान लेगा, (ii) सरकार या स्थानीय प्राधिकारी द्वारा उसके कारवार या क्रियाकलाप को चलाने के लिए अपेक्षित, यथास्थिति, उसकी अनुज्ञप्ति के रद्द किए जाने या रजिस्ट्रीकरण को समाप्त किए जाने या नवीकरण या अनुमोदन न किए जाने वा रद्दकरण के लिए दायी होगा|
30 December, 2022
रण नीति बनाने के लिए RTl सूत्र wwHww के आधार पर विचार करके तो देखिए ! इन पांच प्रश्नों के दृष्टिकोण आपको सहयोगी साबित होंगे
रण नीति क्यों ?
सूचना का अधिकार अधिनियम ने हमे सूचना हासिल करने का अधिकार दिलवाया है लेकिन सूचना हासिल करते समय हमे अपने अधिनियमित अधिकार से कहीं अधिक महत्व सूचना हासिल करने की रणनीति बनाने को देना चाहिए क्योंकि हमे इस बात को ध्यान में रखना चाहिए की जिस जन सूचना अधिकारी से हम जानकारी / सूचना हासिल करने जा रहे है उसने तो सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 4 के विधि निर्देशों का अनुपालन नहीं किया है इसलिए हमारे सामने सूचना मांगने की नौबत आई है ।
याद रखिये सूचना मांगने की रणनीति बनाने का सार्थक सूत्र है
RTl सूत्र wwHww
क्या है यह सूत्र जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
शासकीय कार्यालयों से किसी भी विषय पर जानकारी मांगने का अधिकार प्रत्येक नागरिक के पास है... लेकिन सूचना मांगने का तरीका और प्रक्रिया... विधि द्वारा निर्धारित की गई है… इसलिए कार्यशाला में प्रतिभागी बनकर सूचना के अधिकार को समझिए….
सूचना का अधिकार किसी भी व्यक्ति के नागरिक अधिकार का अहम हिस्सा है… जिसको अभिप्राप्त करने की विधि अपेक्षित कार्यवाही प्रक्रिया की जानकारी प्...
-
सूचना का अधिकार किसी भी व्यक्ति के नागरिक अधिकार का अहम हिस्सा है… जिसको अभिप्राप्त करने की विधि अपेक्षित कार्यवाही प्रक्रिया की जानकारी प्...
-
कार्यस्थल पर आंतरिक शिकायत समिति का अस्तित्व नहीं होने के मायने क्या हैं ? क्या यह नियोक्ता के गैर जिम्मेदाराना कार्य व्यवहार को साबित नहीं ...
-
सूचना का अधिकार अधिनियम २००५ की धारा 6(1)(ख) के परंतु में स्पष्ट किया गया है कि जन सूचना अधिकारी आवेदन करने वाली व्यक्ति को मौखिक सहायता देग...