24 May, 2024

छत्तीसगढ़ शासन की श्रमायुक्त सेवाएं क्या कार्य करती और उन कार्यों को करने के क्या कानून है संक्षित में समझ लीजिए… तभी आप श्रमिकों की समस्याओं का निराकरण कर सार्थक प्रयास करने की दिशा में बढ़ सकते है…

विभिन्न श्रम अधिनियमों के प्रावधान अनुरूप छत्तीसगढ़ का श्रम विभाग अग्रलिखित कार्य करता है :

  • श्रमिकों के सामाजिक एवं आर्थिक हितों का संरक्षण करने के मुख्य दायित्व का निर्वहन करता है। 

  • श्रमायुक्त संगठन द्वारा श्रमिकों एवं प्रबंधन के मध्य परस्पर सामंजस्य स्थापित करता है।

  • श्रमिक हितों का संरक्षण करता है ।

  • औद्योगिक शांति स्थापित कर औद्योगिक विकास में योगदान देता है। 

  • श्रम विभाग विभिन्न श्रम अधिनियमों का प्रवर्तन कर श्रमिकों की सेवा शर्तों का नियमन, श्रमिकों की मजदूरी एवं अन्य हितलाभ का संरक्षण तथा औद्योगिक विवादों का निराकरण कर औद्योगिक शांति स्थापित करता है।

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श्रम अधिनियम एवं प्रवर्तन का दायित्व और कार्य क्षेत्र बेहद विस्तृत है इन दोनो कार्यों को करने के लिए श्रम क्षेत्र से जुड़े विभिन्न विषयों पर औद्योगिक संबंध विषयक जो श्रम कानून बनाए गए है उनके नाम निम्नानुसार है : 

औद्योगिक जगत से संबंधित कानून के नाम है :

  • औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 

  • छत्तीसगढ़ औद्योगिक संबंध अधिनियम, 1960

  • व्यवसाय संघ अधिनियम, 1926

  • छत्तीसगढ़ औद्योगिक नियोजन (स्थायी आदेश) अधिनियम, 1961

मजदूरी एवं अन्य भुगतान विषयक

  • वेतन भुगतान अधिनियम, 1936

  • न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948

  • बेनस भुगतान अधिनियम, 1965

कतिपय नियोजनों में श्रमिकों के कार्य दशाओं के विनियमन विषयक

  • छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1958

  • बीड़ी तथा सिगार कर्मकार (नियोजन की शर्ते) अधिनियम, 1966

  • संविदा श्रमिक (विनियमन और उत्सादन) अधिनियम, 1970

  • मोटर परिवहन कर्मकार अधिनियम, 1961

  • भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन का विनियमन एवं सेवा शर्ते) अधिनियम, 1996

  • श्रम विधि (विवरणी देने तथा रजिस्टर रखने से कतिपय स्थापनाओं का छूट) अधिनियम, 1988

  • अंतर्राज्यीय प्रवासी कर्मकार (नियोजन का विनियमन और सेवा शर्ते) अधिनियम, 1979

  • विक्रय संवर्धन कर्मचारी (सेवा शर्ते) अधिनियम, 1976

  • श्रम जीवी पत्रकार और अन्य समाचार पत्र कर्मचारी (सेवा की शर्ते) और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1955

महिला समानता एवं सशक्तिकरण विषयक

  • मातृत्व हितलाभ अधिनियम, 1961

  • समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976

बाल एवं बंधक श्रमिक विषयक

  • बंधित श्रम पद्धति (उत्सादन) अधिनियम, 1976

  • बालक एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986

क्षतिपूति, भविष्य निधि एवं अन्य सामाजिक सुरक्षा

  • उपादान भुगतान अधिनियम, 1972

श्रम कल्याण निधि विषयक

  • छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण निधि अधिनियम, 1982

  • छत्तीसगढ़ भवन तथा अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम, 1996

उक्तानुसार उल्लेखित कानून, नियम और अधिनियम श्रमिको के कल्याण और उत्थान के लिए लागू है जिन्हें जानकर श्रम क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया जा सकता है ।

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