25 May, 2024

शासकीय कार्यालयों से किसी भी विषय पर जानकारी मांगने का अधिकार प्रत्येक नागरिक के पास है... लेकिन सूचना मांगने का तरीका और प्रक्रिया... विधि द्वारा निर्धारित की गई है… इसलिए कार्यशाला में प्रतिभागी बनकर सूचना के अधिकार को समझिए….

सूचना का अधिकार किसी भी व्यक्ति के नागरिक अधिकार का अहम हिस्सा है… जिसको अभिप्राप्त करने की  विधि अपेक्षित कार्यवाही प्रक्रिया की जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को होनी चाहिए… इसलिए सूचना का अधिकार अधिनियम पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है…शासकीय कार्यालयों से किसी भी विषय पर जानकारी मांगने का अधिकार प्रत्येक नागरिक के पास है लेकिन सूचना मांगने का तरीका और प्रक्रिया विधि द्वारा निर्धारित की गई है… इसलिए कार्यशाला में प्रतिभागी बनकर सूचना के अधिकार को समझिए….



सूचना का अधिकार किसी भी व्यक्ति के नागरिक अधिकार का अहम हिस्सा है… जिसको अभिप्राप्त करने की  विधि अपेक्षित कार्यवाही प्रक्रिया की जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को होनी चाहिए… इसलिए सूचना का अधिकार अधिनियम पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है…

सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) पर कार्यशाला

कार्यशाला का उद्देश्य:

इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) के बारे में जानकारी देना है। RTI भारत में एक महत्वपूर्ण कानून है जो नागरिकों को सरकारी निकायों से जानकारी प्राप्त करने का अधिकार देता है।

कार्यशाला में शामिल विषय:

  • RTI अधिनियम की मूल बातें

  • RTI आवेदन कैसे करें

  • RTI आवेदनों का निपटान

  • अपीलों और शिकायतों का अधिकार

  • RTI अधिनियम का उपयोग करके सामाजिक जवाबदेही को कैसे बढ़ावा दिया जाए

कौन भाग ले सकता है:

यह कार्यशाला उन सभी के लिए खुली है जो RTI अधिनियम के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, जैसे:

  • छात्र

  • युवा पेशेवर

  • कार्यकर्ता

  • गैर सरकारी संगठनों (NGOs) के सदस्य

  • सरकारी अधिकारी

  • आम जनता

कार्यशाला प्रारूप:

कार्यशाला में व्याख्यान, समूह चर्चा और केस स्टडी शामिल होंगे। प्रतिभागियों को RTI आवेदन भरने का अभ्यास करने का अवसर भी दिया जाएगा।

संसाधन:

कार्यशाला में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को RTI अधिनियम पर एक संसाधन पैकेट दिया जाएगा।

स्थान और समय:

स्थान और समय का आयोजनकर्ता द्वारा घोषणा की जाएगी।

पंजीकरण:

कार्यशाला में भाग लेने के लिए, कृपया [कार्यक्रम संयोजक] से [Whatsapp] पर संपर्क करें।

महत्वपूर्ण:

यह कार्यशाला [कार्यक्रम संयोजक] द्वारा आयोजित की जा रही है। अधिक जानकारी के लिए, कृपया आयोजक से संपर्क करें। Whatsapp करिए 

अतिरिक्त जानकारी:

  • आप https://rtionline.gov.in/ पर RTI अधिनियम के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

  • आप https://cic.gov.in/ पर राष्ट्रीय सूचना आयोग की वेबसाइट भी देख सकते हैं।



24 May, 2024

छत्तीसगढ़ शासन की श्रमायुक्त सेवाएं क्या कार्य करती और उन कार्यों को करने के क्या कानून है संक्षित में समझ लीजिए… तभी आप श्रमिकों की समस्याओं का निराकरण कर सार्थक प्रयास करने की दिशा में बढ़ सकते है…

विभिन्न श्रम अधिनियमों के प्रावधान अनुरूप छत्तीसगढ़ का श्रम विभाग अग्रलिखित कार्य करता है :

  • श्रमिकों के सामाजिक एवं आर्थिक हितों का संरक्षण करने के मुख्य दायित्व का निर्वहन करता है। 

  • श्रमायुक्त संगठन द्वारा श्रमिकों एवं प्रबंधन के मध्य परस्पर सामंजस्य स्थापित करता है।

  • श्रमिक हितों का संरक्षण करता है ।

  • औद्योगिक शांति स्थापित कर औद्योगिक विकास में योगदान देता है। 

  • श्रम विभाग विभिन्न श्रम अधिनियमों का प्रवर्तन कर श्रमिकों की सेवा शर्तों का नियमन, श्रमिकों की मजदूरी एवं अन्य हितलाभ का संरक्षण तथा औद्योगिक विवादों का निराकरण कर औद्योगिक शांति स्थापित करता है।

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श्रम अधिनियम एवं प्रवर्तन का दायित्व और कार्य क्षेत्र बेहद विस्तृत है इन दोनो कार्यों को करने के लिए श्रम क्षेत्र से जुड़े विभिन्न विषयों पर औद्योगिक संबंध विषयक जो श्रम कानून बनाए गए है उनके नाम निम्नानुसार है : 

औद्योगिक जगत से संबंधित कानून के नाम है :

  • औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 

  • छत्तीसगढ़ औद्योगिक संबंध अधिनियम, 1960

  • व्यवसाय संघ अधिनियम, 1926

  • छत्तीसगढ़ औद्योगिक नियोजन (स्थायी आदेश) अधिनियम, 1961

मजदूरी एवं अन्य भुगतान विषयक

  • वेतन भुगतान अधिनियम, 1936

  • न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948

  • बेनस भुगतान अधिनियम, 1965

कतिपय नियोजनों में श्रमिकों के कार्य दशाओं के विनियमन विषयक

  • छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1958

  • बीड़ी तथा सिगार कर्मकार (नियोजन की शर्ते) अधिनियम, 1966

  • संविदा श्रमिक (विनियमन और उत्सादन) अधिनियम, 1970

  • मोटर परिवहन कर्मकार अधिनियम, 1961

  • भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन का विनियमन एवं सेवा शर्ते) अधिनियम, 1996

  • श्रम विधि (विवरणी देने तथा रजिस्टर रखने से कतिपय स्थापनाओं का छूट) अधिनियम, 1988

  • अंतर्राज्यीय प्रवासी कर्मकार (नियोजन का विनियमन और सेवा शर्ते) अधिनियम, 1979

  • विक्रय संवर्धन कर्मचारी (सेवा शर्ते) अधिनियम, 1976

  • श्रम जीवी पत्रकार और अन्य समाचार पत्र कर्मचारी (सेवा की शर्ते) और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1955

महिला समानता एवं सशक्तिकरण विषयक

  • मातृत्व हितलाभ अधिनियम, 1961

  • समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976

बाल एवं बंधक श्रमिक विषयक

  • बंधित श्रम पद्धति (उत्सादन) अधिनियम, 1976

  • बालक एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986

क्षतिपूति, भविष्य निधि एवं अन्य सामाजिक सुरक्षा

  • उपादान भुगतान अधिनियम, 1972

श्रम कल्याण निधि विषयक

  • छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण निधि अधिनियम, 1982

  • छत्तीसगढ़ भवन तथा अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम, 1996

उक्तानुसार उल्लेखित कानून, नियम और अधिनियम श्रमिको के कल्याण और उत्थान के लिए लागू है जिन्हें जानकर श्रम क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया जा सकता है ।

हमसे संपर्क में रहने और उक्त उल्लेखित सभी नियम, कानून और अधिनियाओं पर प्रकाशित होने वाले आगामी लेख को पढ़ने के लिए हमसे जुड़िए: 👇👇👇 क्लिक करिए

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छत्तीसगढ़ शासन श्रम विभाग द्वारा श्रमिको के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली सेवा… सेवा प्रदान करने के लिए निश्चित की गई समय-सीमा… सेवा प्रदान करने वाले पदाभिहित अधिकारी (पद)... सक्षम अधिकारी एवं अपीलीय प्राधिकारी का पदनाम…. निर्धारित कर जन सामान्य की जानकारी के लिए जारी किया है जिसे आप भी पढ़ लीजिए…

श्रमिको को मिलने वाला शासकीय योजनाओं का लाभ समय पर दिलवाने के लिए आवश्यक है की आपको इस बात की जानकारी होना चाहिए की श्रम विभाग ने किस शासकीय काम के लिए कितना समय निर्धारित किया है…



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श्रमायुक्त सेवाए

छत्तीसगढ़ राज्य के श्रम विभाग का मुख्य दायित्व विभिन्न श्रम अधिनियमों के माध्यम से श्रमिकों के… 

आर्थिक, 

शारीरिक एवं 

सामाजिक हितों का संरक्षण करना है।

श्रमायुक्त संगठन द्वारा श्रमिकों एवं प्रबंधन के मध्य परस्पर सामंजस्य स्थापित करते हुए श्रमिक हित एवं औद्योगिक विकास में योगदान दिया जाता है। 

छत्तीसगढ़ का श्रम विभाग विभिन्न श्रम अधिनियमों का प्रवर्तन कर 

श्रमिकों की सेवा शर्तों का नियमन कराना, श्रमिकों का वेतन एवं कार्य दशायें सुनिश्चित कराना तथा 

औद्योगिक विवादों का निराकरण कर 

औद्योगिक शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी पूरी करता है ।

श्रम विभाग का मुख्य दायित्व है। 

औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा संचालनालय श्रमिकों की दुर्घटना को नियंत्रित करने हेतु सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कर श्रमिकों को सुरक्षित कार्य दशा उपलब्ध कराता है तथा औद्योगिक क्षेत्र के श्रमिकों की स्वास्थ्य पूर्ण कार्यदशा भी सुनिश्चित कराता है।

अगर आपको उक्त विषय से संबंधित कुछ पूछना है या जानकारी चाहिए और सूचना का अधिकार आवेदन लिखवाना हैं तो व्हाट्स एप मैसेज करने के लिए क्लिक करें 👇👇👇

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छत्तीसगढ़ शासन श्रम विभाग द्वारा श्रमिको के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली सेवा… सेवा प्रदान करने के लिए निश्चित की गई समय-सीमा… सेवा प्रदान करने वाले पदाभिहित अधिकारी (पद)... सक्षम अधिकारी एवं अपीलीय प्राधिकारी का पदनाम…. निर्धारित कर जन सामान्य की जानकारी के लिए जारी किया है जिसे आप भी पढ़ लीजिए…


श्रमिको को मिलने वाला शासकीय योजनाओं का लाभ समय पर दिलवाने के लिए आवश्यक है की आपको इस बात की जानकारी होना चाहिए की श्रम विभाग ने किस शासकीय काम के लिए कितना समय निर्धारित किया है…

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श्रमायुक्त सेवाए

छत्तीसगढ़ राज्य के श्रम विभाग का मुख्य दायित्व विभिन्न श्रम अधिनियमों के माध्यम से श्रमिकों के… 

आर्थिक, 

शारीरिक एवं 

सामाजिक हितों का संरक्षण करना है।

श्रमायुक्त संगठन द्वारा श्रमिकों एवं प्रबंधन के मध्य परस्पर सामंजस्य स्थापित करते हुए श्रमिक हित एवं औद्योगिक विकास में योगदान दिया जाता है। 

छत्तीसगढ़ का श्रम विभाग विभिन्न श्रम अधिनियमों का प्रवर्तन कर 

श्रमिकों की सेवा शर्तों का नियमन कराना, श्रमिकों का वेतन एवं कार्य दशायें सुनिश्चित कराना तथा 

औद्योगिक विवादों का निराकरण कर 

औद्योगिक शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी पूरी करता है ।

श्रम विभाग का मुख्य दायित्व है। 

औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा संचालनालय श्रमिकों की दुर्घटना को नियंत्रित करने हेतु सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कर श्रमिकों को सुरक्षित कार्य दशा उपलब्ध कराता है तथा औद्योगिक क्षेत्र के श्रमिकों की स्वास्थ्य पूर्ण कार्यदशा भी सुनिश्चित कराता है।



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शासकीय कार्यालयों से किसी भी विषय पर जानकारी मांगने का अधिकार प्रत्येक नागरिक के पास है... लेकिन सूचना मांगने का तरीका और प्रक्रिया... विधि द्वारा निर्धारित की गई है… इसलिए कार्यशाला में प्रतिभागी बनकर सूचना के अधिकार को समझिए….

सूचना का अधिकार किसी भी व्यक्ति के नागरिक अधिकार का अहम हिस्सा है… जिसको अभिप्राप्त करने की  विधि अपेक्षित कार्यवाही प्रक्रिया की जानकारी प्...