19 February, 2022

विभागीय वेबसाईट पर होनी चाहिए पूरी जानकारी क्या कहता है नियम पढ़िए

समस्त विभागीय जानकारी का कम्प्यूटीकरण कर विभाग की वेबसाइट में प्रकाशित की जाने का नियम क्या है ?

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 4(1) (ख) के प्रावधान अनुसार अधिनियम के अधिनियमन से 120 दिन के भीतर समस्त विभाग / लोक प्राधिकरण द्वारा जारी नियम निर्देशों की जानकारी / सूचना सीधे आम जनता / पणधारियों (Stakeholder) हेतु कम्प्यूटीकरण कर विभाग की वेबसाइट में प्रकाशित की जाना है आवश्यक है इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन का निर्देश निम्नानुसार है 

छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग का निर्देश है ... (सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ) मंत्रालय

छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग (सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ) मंत्रालयःः महानदी भवन, नवा रायपुर, अटल नगर, रायपुर (छ.ग.) का पत्र कमांक एफ 7-6/2005 / 1-13 नवा रायपुर, अटल नगर, दिनांक 24//7/ 2019 से समस्त अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / सचिव / विशेष सचिव (स्वतंत्र प्रभार). मंत्रालय, रायपुर छत्तीसगढ़ शासन को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 4 (1) (ख) के तहत विभागों द्वारा विभागीय जानकारी वेबसाईट पर अपलोड करना एवं प्रतिवर्ष जानकारी को अद्यतन करने के विषय की जानकारी राज्य सूचना आयोग का पत्र कमांक 979 / स्था / छगरासूआ / 18 दिनांक 20.6.2019, का संदर्भ देकर सूचित किया गया था 

इस पत्र में ( रीता शांडिल्य ) सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग ने लेख किया था की :- 

1/ मुख्य सचिव को संबोधित राज्य मुख्य सूचना आयुक्त, छत्तीसगढ़ के संदर्भित पत्र की छायाप्रति संलग्न है।

2/ सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 4(1) (ख) के प्रावधान अनुसार अधिनियम के अधिनियमन से 120 दिन के भीतर समस्त विभाग / लोक प्राधिकरण द्वारा जारी नियम निर्देशों की जानकारी / सूचना सीधे आम जनता / पणधारियों (Stakeholder) हेतु कम्प्यूटीकरण कर विभाग की वेबसाइट में प्रकाशित की जाना थी एवं उन प्रकाशनों को प्रत्येक वर्ष अद्यतन भी किया जाना है। अधिनियम की उक्त धारा के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर निर्देश जारी किये गये है।

3/ राज्य मुख्य सूचना आयुक्त के संदर्भित पत्र के अनुसार अभी भी बहुत से विभागों द्वारा विभाग की जानकारी विभागीय वेबसाईट पर अपलोड / अद्यतन नहीं जा रही है। उक्त पत्र में यह भी अवगत कराया गया है कि अधिनियम की धारा 4 (1) (ख) का राज्य शासन से पालन कराने हेतु एक जनहित याचिका कमांक डब्लूपी (पीआईएल) 35 / 2012 में मान उच्च न्यायालय ने दिनांक 24.9.2012 को आदेश पारित किया है तथा धारा 4 (1) (ख) का पालन लोक प्राधिकारी द्वारा कराये जाने हेतु छः माह की समय सीमा निर्धारित की गई है।

4/ श्री अनिल अग्रवाल, साई सदन, बंधवा पारा, पुरानी बस्ती रायपुर (छ.ग.) ने भी राज्य सूचना आयोग में आवेदन दिनांक 19.06.2019 प्रस्तुत कर अधीनस्थ कार्यालयों द्वारा धारा 4 ( 1 ) (ख) का पालन विभागों के लोक प्राधिकारी द्वारा उनकी अधीकृत वेबसाईट में अपलोड नहीं कराये जाने के कारण, आवेदकों से कार्यालय के पदाधिकारियों से वाद-विवाद होने की शिकायत की गई है।

5/ जैसा कि राज्य मुख्य सूचना आयुक्त ने उनके संदर्भित पत्र में स्पष्ट किया है कि धारा 4(1) (ख) के प्रावधानों पर कार्यवाही शासन के प्रत्येक विभाग द्वारा की जाना है एवं पालन प्रतिवेदन नोडल विभाग सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से राज्य सूचना आयोग को भेजा जाना है। चूंकि यह कार्यवाही अधिनियम के अनुसार बाध्यकारी है एवं माननीय न्यायालय के आदेशानुसार भी कियान्वयन आवश्यक है। 

6/ अतएव अनुरोध है कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 4 (1) (ख) के कियान्वयन के संबंध में आपके विभाग का पालन प्रतिवेदन कृपया इस विभाग को तत्काल भेजने का कष्ट करें, ताकि राज्य सूचना आयोग के संदर्भित पत्र में चाहे अनुसार उन्हें अवगत कराया जा सके।

उल्लेखनीय है कि उपरोक्तानुसार शासकीय आदेश सभी विभागों प्रेषित किया गया था जिसकी प्रति सुलभ संदर्भ हेतु नीचे है कृपया अवलोकन करें  

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